Thursday, April 24, 2014

विद्यालय

जब जब भी
शादियों
के मुहूर्त
वाले दिन
आते हैं,

जंज घर
के साथ वाले
राजकीय
कन्या
विद्यालय
की
बामुश्किल पहुँची
बच्चियों को
बड़ी
तकलीफ़
होती है।

एक तो
पूरा पूरा
दिन
लाऊडस्पीकरों
का शोर
नहीं देता
पढ़नें,
दूसरा
भविष्य की
चिंतायें
बैण्ड बाजा बन
डराती हैं।

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