साँसों की तितलियाँ
Thursday, April 24, 2014
दीवाली
लगाऊँगा
ज़रूर
गले
आपको
एक बार
बर्बादी की शाम,
मनाऊँगा
हसरतों
की
दीवाली
अमावस की रात।
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