कुत्तों की क़िस्मत को सलामत हैं न जाने कितने मालिक, उनकी रोज़ी रोटी रोटियों को पकाने और खाने वाले परिवार, बची रोटियों की बरकतें बची रोटियाँ रखने को डयोढियाँ, डयोढियों को छाँव देती छतें, छतों को सलामत रखती कुत्तों की आस की दीवारें!
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