Tuesday, August 29, 2017

दीवार

हाथ में
उठाता हूँ
पढ़ने को अख़बार
तो लगता है
जैसे
कंधे से पकड़ा है मैंने
सामने खड़ी
हर ख़बर को मैंने,

टैब में
पढ़ता हूँ
तो लगता है
बीच
बुल्लेट प्रूफ़
काँच की दीवार है कोई।

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