Saturday, August 19, 2017

क्रान्ति

बामुश्किल
की थी
जान मानस ने
जनतंत्र की क्रान्ति
छोड़
खेत खलिहान
घर परिवार,

ये कहाँ से
आ गया
फिर
कोई
"मसीहा" बनने!

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