सफ़ेद पन्नों की चादरों पर जिल्द की रजाई ओढ़, कैसे बेफ़िक्री से थका इतिहास सोता है,
वर्तमान की नींद उड़ी है,
हवा में बिखरे कागज़ भाग भाग पकड़ता है, बिना अंकों के तरतीब ढूँढ़ता है।
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