साँसों की तितलियाँ
Monday, July 21, 2014
रस
फूलों
का
झगड़ा
है
रंगो बू का,
तू
बीच
में
न आ,
चूमती
जा
सबको
तितली
की तरह,
रस
बटोरती
जा।
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