Sunday, July 27, 2014

वीज़ा

वीज़ा की
मयाद
गर
इतनी
बढ़
जाये
कि
जीवन
हो जाये,

वैसा ही
हो
जायेगा
किसी का
भी
रुख़
प्रवास के प्रति
जैसा
धरती पर
आपका है।

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