स्वर्ग का सीढ़ियों से क्या, नीचे भी है और ऊपर भी,
स्वर्ग का होने से क्या, है भी है और नहीं भी,
सोच और तृष्णा का विषय है, सवाल भी है और जवाब भी।
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