आतिशबाज़ी करता पहुँचा, तिड़ तिड़ाता, अपनी ही फैलाई धुंध को चीरता, सिज़लर, जो मेरी टेबल तक,
बिना केक के ही, अकेले, मैंने ख़ुद को हैप्पी बर्थडे कह लिया।
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