Monday, July 28, 2014

सज़ा

वो
गाय
की
जुगाली,
वो
तुम्हारा
बबल गम
खाना,

वो
उसके
दूध की
बरकत,
वो
तुम्हारा
धरती
पर
थूकना,

हाय!
उसकी
सज़ा,
तौबा
तुम्हारी
क़िस्मत!

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