Saturday, July 26, 2014

मस्जिद

था
अंधा
गूँगा
बहरा,

कहता
सुनता
कैसे
नमाज़,
देखता
कैसे
नमाज़ियों का
सिजदा,

थे
ले जाते
जब
अब्बू
पकड़ उंगली
मस्जिद में,

बस इतना
था
पता,

बैठता था
सामने
कहीं
कोई,
अपने बच्चों
को
मिलता था।

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