सर्दियों की सुबह सड़क किनारे लिफ़ाफ़े जला छोटी सी आग तापते माँ को तो पता था कि वो भिखारी हैं कोई घर नहीं है उनका, नन्हे बच्चे को क्या थी इल्म घर होता है क्या जो नहीं है, उसकी जानिब खेल था लिफ़ाफ़े के घर से यूँ आग का निकलना
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