Thursday, February 27, 2014

सिक्के

सफ़ेद
मुरझाई
भूखी
भिखारिन
अम्मा को
मिले तो ज़रूर
दो दस रुपये
पर
सिक्कों में
नए ।

जो
देख
न समझ पाईं
फ़र्क,
कमज़ोर
अनपढ़ आँखें,
होनें दिया
व्यापार
नए सिक्कों से
लगाये
भोजन की आस ।

मिली जो
बदले में
बस चाय
बुझाई
अम्मा नें
उसी से
उस दिन की
भूख
की प्यास ।

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