साँसों की तितलियाँ
Saturday, February 22, 2014
फ़रियाद
लब ए फ़रियाद से वो नहीं हम ही पहुचेंगे पास उनके
जानते तो लबों की बनिस्बत पैरों से चलते जल्द पहुँचते
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