Wednesday, February 26, 2014

कहो तुम

हिन्दू हो
या मुसलमा
कहो तुम ।

लिए तुम्हारे
बुलाऊँ ईश्वर
या पुकारूँ ख़ुदा
कहो तुम ।

करूँ नमन
या कहूँ आदाब,
लगाऊँ
या कि मिलूँ गले,
करूँ घूँघट
या पर्दा करूँ
कहो तुम ।

गाऊँ भजन
करूँ अदा नमाज़,
कहूँ श्लोक
या कलमा पढूँ,

जलाऊँ
या दफनाऊँ तुम्हें
बनूँ मिट्टी
या आग बनूँ ।

उलझी लटें
कशमकश की
ज़रा सुलझाओ तुम
हिन्दू हो
या मुसलमा
बताओ तुम ।

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