हिन्दू हो
या मुसलमा
कहो तुम ।
लिए तुम्हारे
बुलाऊँ ईश्वर
या पुकारूँ ख़ुदा
कहो तुम ।
करूँ नमन
या कहूँ आदाब,
लगाऊँ
या कि मिलूँ गले,
करूँ घूँघट
या पर्दा करूँ
कहो तुम ।
गाऊँ भजन
करूँ अदा नमाज़,
कहूँ श्लोक
या कलमा पढूँ,
जलाऊँ
या दफनाऊँ तुम्हें
बनूँ मिट्टी
या आग बनूँ ।
उलझी लटें
कशमकश की
ज़रा सुलझाओ तुम
हिन्दू हो
या मुसलमा
बताओ तुम ।
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