क्यों जलाते हो खूँ ये सोचकर पैदा हुए यहाँ क्यों, वहाँ क्यों नहीं आप आप थे नहीं, आप के आनें से पहल आपकी गर नहीं है, गलती ख़ुदा की भी नहीं
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