Sunday, February 23, 2014

गलती

क्यों जलाते हो खूँ ये सोचकर
पैदा हुए यहाँ क्यों, वहाँ क्यों नहीं
आप आप थे नहीं, आप के आनें से पहल
आपकी गर नहीं है, गलती ख़ुदा की भी नहीं

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