लिखते हो दानें पर किस स्याही से ? दिखता नहीं नाम मेरा ।
पहुँचता है लेकिन ठीक मुझ तक हर रोज़ हर बार हैरान वही दाना सही वक्त ।
आता है स्वाद नाम का मेरे उसपे लिखते हो जो तुम जानें किस स्याही ।
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