Sunday, February 16, 2014

मसला

दुनिया खड़ी
बंटी
जहाज़ ए वक्त के
पंखों पर,
इधर
उधर...

खींचता
हर कोई
हर किसीको
अपनी ओर....

जाता किधर,
क्यों कर,
ये उड़ता अस्तित्व
जीवन का
ये बाद की बात,
कौन सही
कौन गलत
ये बाद की बात,

कौन कौन
किस तरफ़
रहें बराबर
अभी,
मसला
पहले इसी का है |

पहुंचेगा कहीं
गर गिरेगा नहीं,
परवाज़ कहाँ
गर तवाज़ुन* नहीं |

* balance

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