आज भी बैठते हैं बाऊजी बीजी साथ साथ दुकान में सुबह से शाम तक, रखे चारों चौकस आँखें दुकान,सामान, ग्राहकों और गल्ले पर, पहने हार, टंगे टंगे दीवार पर।
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