लाख खटखटाया, बजाई घंटियाँ, दी आवाजें, की मिन्नतें,
वक्त से पहले उन्हें नियती ने अन्दर न आने दिया,
जिंदा रहे, ज़मीन का दरवाज़ा न खुला।
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