साँसों की तितलियाँ
Saturday, July 19, 2014
मदद
एक
बार
उस
बशर की
मदद
क्या
मैंने
कर दी,
परेशान
कर
दिया
ज़हन नें
गूँज गूँज कर
कि
कोई
फ़ायदा
तो
उठा।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment