साँसों की तितलियाँ
Saturday, July 19, 2014
जगह
तेरे
शहर में
अब तो
पैर
रखने
की भी
जगह
नहीं,
संभालोगे
कैसे
मेरा
दिल,
किसके
कदमों में
रखोगे!
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