Saturday, July 19, 2014

शुक्र

शुक्र
है
जलाया
नहीं था,
दफ़नाया
ही था,
बच्चियों को
थीं
जो
शिकार
हादसे
की,

कैसे
लाते
राख़
उठाकर
अस्पताल में
करने
पोस्टमॉर्टेम
तीसरी बार!

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