उतरनें दूँ ये लहर चाँद को जानें दूँ ।
बादलों पर लिखी हर बात हवाओं को मिटानें दूँ ।
समेटनें दूँ सब तारे रात को सोनें दूँ।
फिर डूबूँ इस सागर में फिर कलम भरूँ ।
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