Monday, July 21, 2014

वादा

हीरे
सी सुबह,

सोने
सी दोपहर,

चाँदी
सी शाम,

राख
सी रात,

फिर
जल,
बुझ
गया
एक और
दिन का
झूठा
वादा।

No comments:

Post a Comment