मिल ही जाते तुम्हें तुम्हारे ख़्वाब गर देखते कभी मुड़के, होते मद्धम कुछ थम जाते, देते पकड़ने उन्हें जो आते थे भागते तुम्हारे ही पीछे पकड़ने तुम्हें।
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