Thursday, March 20, 2014

ख़्वाब

मिल ही जाते
तुम्हें
तुम्हारे
ख़्वाब
गर देखते
कभी मुड़के,
होते मद्धम
कुछ थम जाते,
देते
पकड़ने
उन्हें
जो आते थे
भागते
तुम्हारे
ही पीछे
पकड़ने
तुम्हें।

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