देख ले दिखा ले भर ले सजा ले, हो ले खुश इतरा ले, कर ले गुमान जी भर तन पर, हक़ है तुझे ।
और फिर यदि मिले ज़रा भी होश की मोहलत खोल भी तो सही ये तोहफ़ा, उतार चमकती परतें, देख भेजा है क्या क्यों किसने किसे ।
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