मिला था जब तुम्हें पिछले जनम, चेहरा तुम्हारे वजूद का कोरा सा था।
मिले हो अबके जब छुपाये हो कहानियाँ कई झुर्रिओं के सफ़ों, चेहरे की जिल्द में।
नायक या लेखक बन मिले हो, कहो कैसे हो।
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