खड़ी होती है हमेशा वो ट्रेन उसी स्टेशन उसी समय इंतज़ार में मेरे ठीक वक्त रोज़।
कौन सी ट्रेन किस स्टेशन कब, करती है तय ख़ुद ही।
मुझे मिलती है जो भी जहाँ भी जब भी, पहचान लेता हूँ कर लेता हूँ कुबूल।
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