Monday, March 17, 2014

ट्रेन

खड़ी होती है
हमेशा
वो
ट्रेन
उसी स्टेशन
उसी समय
इंतज़ार में
मेरे
ठीक वक्त
रोज़।

कौन सी ट्रेन
किस स्टेशन
कब,
करती है
तय
ख़ुद ही।

मुझे
मिलती है
जो भी
जहाँ भी
जब भी,
पहचान लेता हूँ
कर लेता हूँ
कुबूल।

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