Thursday, March 27, 2014

बाइक

पापा
जब जब
बैठता हूँ
आपकी बाइक पर
बड़ा अच्छा लगता है।

लगता है
आप पीछे ही
हो बैठे
मुझे पकड़े
देखते।

रखता हूँ
जब
बस हाथ भर
हैंडल पर
लगता है
दायाँ हाथ
दबा
घुमा
रफ़्तार बढ़ाते हो।

रहते हो
पकड़े
पक्का
सब कुछ
निगाह रखते हो।

लेते हो
जब साँस
मेरे कंधों पर
धड़कनें मेरे
सीने में
बढ़ाते हो,
चलाता हूँ
शान और
ज़िम्मेदारी से
होकर चौकन्ना
आपको
दिखाता हूँ।

बाकी थी
कब से
जो तमन्ना
कि
घूमता
कभी
आपके साथ,
होती है पूरी
अब
हर बार
जब जब
बैठता हूँ
आपकी
बाइक पर।

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