साँसों की तितलियाँ
Tuesday, June 10, 2014
काल
घड़ी के
पटे से
बाँधे हूँ
वक्त का
काल
कलाई
की
हड्डियों
के पाये से।
खोलूँगा
तभी
जब
खुलूँगा।
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