Sunday, June 22, 2014

बोहनी

निकाल
बटुये से
जो
तपाक
थमाया था
उसे
सुबह सवेरे,

दोनों आँखों
से
चूम,
धूप
के नन्हें
बादल
से छू,
ईश्वर
से लगा,
बोहनी
बनाया
उसनें।

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