साँसों की तितलियाँ
Thursday, June 19, 2014
मुलाक़ात
किसी
मुलाक़ात
को है
इंतज़ार
तेरे
भटकनें का।
किसी
से
बिछड़ के
कोई
मिलनें को
तुम्हें
है
बेक़रार।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment