साँसों की तितलियाँ
Sunday, June 22, 2014
काम
ज्यों
कटे
पेड़ों ने
किताबों के
सफ़े बन
फिर
साँस ली,
है
इत्मिनान
लगायेगा
वो
किसी काम
मुझे भी।
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