चींटियों की मिट्टी की बस्तियों से हैं तुम्हारे ये शहर, बस बड़े हैं।
उनकी बस्तियों में रहती हैं इंसानों सी चींटियाँ, तुम्हारे शहर चींटियों से इंसानों से भरे पड़े हैं।
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