Sunday, June 15, 2014

चट्टान

पापा
अभी भी है
वहीँ
वो चट्टान
जहाँ से
आपकी
जीप
गिरी थी
किन्नौर में,

खड़ा हूँ
पूछता
उससे
आपका
पता,
भरी
दोपहर
कहती है
अंधेरा है बहुत,
हाँ
मगर
गई है
नीचे
यहीं से
कोई
चीज़
अभी अभी ।

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