जबसे तुम्हारे शिवाला बन गए बाज़ार, सलाम तुम्हें जो बना लिए तुमनें बाज़ार ही शिवाला, इबादत रखी जारी, विश्वास रखा जिंदा, नहीं दिया मरने, चाहे जिसमें।
No comments:
Post a Comment