साँसों की तितलियाँ
Thursday, June 26, 2014
आरज़ू
तेरे
शहर
में
आकर
भी
तुझसे
मिलनें
की
आरज़ू
नहीं,
लगता है
तू
ख़ुदा
है वही,
मेरा
अक्स
नहीं।
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Older Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment