लौट आया हूँ बस मिल कर, बिन किए शुक्रिया, बिन माँगे कुछ भी,
बिन झुके, बिन किए सलाम,
बस जलाकर प्यार की दो बूँदों से सौ दीये।
क्या था उसका जो मेरा नहीं था,
क्या है अभी जो सही नहीं है !
No comments:
Post a Comment