Sunday, May 18, 2014

ईंटें

तुमनें तो
जाना है चले,
फिर ईंटों का
इस घर की
क्या करना है?

–––

पति
की ईंटें
हैं
तुम्हारी ही तो,
अलग से
उनका
तुमनें
क्या करना है?

–––

बच्चे ही तुम्हारे
तुम्हारी हैं
ईंटें
और ईंटों का
भला क्या
तुमनें
करना है?

–––

है तो है
अब
तुम्हारे अर्श पर
छत,
फ़र्श पर
ईंटों का
बोलो
क्या करना है?

–––

मिट्टी है
दे तो दी
सारी की सारी,
अब
ईंटों में
तुमनें
ख़ुद को
क्योंकर
चुनना है?

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