Sunday, May 4, 2014

अलविदा

मान लो
आज
आज नहीं
बीस साल
बाद है,
हम सब
हैं
जा चुके
दूर दूर
अलग दिशा,
और
आज हैं
कर रहे
याद
बीस साल
पहले
का आज।

आओ
बैठें
साथ साथ
और करीब,
करें
ढेर सी
बातें
दिल खोल,
बितायें
जागें
साथ साथ
शाम
सारी
देर रात,
कहें
अलविदा
आज को
कल
सुबह ।

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