Saturday, May 31, 2014

ज़ंजीरें

लोहे की
ज़ंजीरों से
जकड़े रहे
आपस में
पहियों से,
बंधुआ
वो रिक्शे सारे,
रात भर
फुटपाथ पर,

सुबह
चलायेंगे
इन्हें
वो
बंधुआ
सारे,
राजपथ पर।

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