मज़मून कोरा नहीं हूँ मैं ।
अकेला नहीं हूँ मैं ।
रगों की वादियों उमड़ते लाल दरिया में हैं बहती हस्ताक्षरों की हज़ारों कश्तियाँ पूर्वजों की मेरे ।
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