Monday, May 19, 2014

किसको

मिलती हैं
गुज़रती हैं
कभी सामने
कभी
बगल से,
सड़क पर,
कभी
सीढ़ियाँ
उतरते चढ़ते,

कभी
टकराती,
छूती,
कभी
पकड़ बांह
ले जाती
खींच,

कहानियाँ
कदम
कदम पर।

किस किस को
भरूँ
पुतलियों में,
किस किस को
लिखूँ !

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