मिलती हैं गुज़रती हैं कभी सामने कभी बगल से, सड़क पर, कभी सीढ़ियाँ उतरते चढ़ते,
कभी टकराती, छूती, कभी पकड़ बांह ले जाती खींच,
कहानियाँ कदम कदम पर।
किस किस को भरूँ पुतलियों में, किस किस को लिखूँ !
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