Thursday, May 29, 2014

इशारे

खुदा
तेरे इशारे
जीवन के
खूब थे
बहुत थे,
बस
ज़रा
मद्धम से थे,

था
मैं
बेशक
सुनता,
बस
मेरे
ख्यालों के
शोर
पुरज़ोर
बहुत थे ।

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